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प्रख्यात शिक्षाविद् और चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ के पूर्व कुलपति प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के 80 प्रतिशत युवा सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अपना समय गंवा देते हैं। इसमें पश्चिमी यूपी की तुलना में पूर्वांचल के युवा अधिक हैं। युवाओं को अपनी क्षमता को पहचाना चाहिए और निजी क्षेत्र में भी संभावनाएं तलाशनी चाहिए। यह एक शोध में सामने आया है। प्रख्यात शिक्षाविद् और चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ के पूर्व कुलपति प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा ने शुक्रवार को यह बातें काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कहीं।
लखनऊ में 10-12 फरवरी तक होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले छात्रों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम हो रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि रोजगार परक शिक्षा व शिक्षा को व्यवसाय व उद्योग से जोड़ने के प्रयास नई शिक्षा नीति 2020 में किए गए हैं।
सुनहरे अवसरों का लाभ उठाएं युवा
स्टार्टअप, डेटा सेंटर, हरित ऊर्जा, विनिर्माण के लिहाज से प्रदेश उभर कर सामने आया है। पूरे देश में उत्पादित मोबाइल का 45 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में निर्मित हो रहा है। यह राज्य देश में जल परिवहन व्यवस्था वाला पहला राज्य है। 6 एक्सप्रेसवे चल रहे हैं, जबकि सात बन रहे हैं। युवाओं से आह्वान किया कि वे ऐसे सुनहरे अवसरों का लाभ उठाएं। उन्होंने छात्रों से संवाद भी किया।
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