[ad_1]
बरेका, वाराणसी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग और इलेक्ट्रॉनिक चिप की आपूर्ति में बाधा से बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) का रिकॉर्ड खराब हो गया है। पहला मौका है, जब बरेका प्रबंधन इलेक्ट्रिक इंजन बनाने के लक्ष्य से पीछे रह गया। इससे इंजीनियर व अधिकारी परेशान हैं।
रेलवे बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बरेका को 450 इलेक्ट्रिक रेल इंजन निर्माण का लक्ष्य दिया था। अब तक 350 इंजन ही बने हैं। वित्तीय वर्ष खत्म होने में दो दिन ही बचे हैं, लेकिन 100 इंजन बनाने का लक्ष्य सामने खड़ा है। यह लक्ष्य हासिल करना कठिन भी है। इंजन निर्माण से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इलेक्ट्राॅनिक चिप की आपूर्ति यूरोप के अलग-अलग देशों से होती है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से चिप की आपूर्ति प्रभावित रही। यह समस्या लंबे समय से चल रही है। इसका सीधा असर इंजन निर्माण पर पड़ा है। पहली बार इंजन निर्माण में बरेका पीछे है।
[ad_2]
Source link