Chaitra Navratri 2023: नवरात्र 22 मार्च से, मंदिर सजकर हुए तैयार, बाजार में बढ़ी रौनक, ऐसे होगा पूजन

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नवदुर्गा

नवदुर्गा
– फोटो : amar ujala

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22 मार्च से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है। इसको लेकर मंदिरों में तैयारियां जोरों से चल रही हैं। मैइया के दरबार सजकर तैयार हो चुके हैं। बुधवार से नौ दिनों तक मइया के नव स्वरूपों की विधि विधान से पूजा की जाएगी। नवरात्र को लेकर सोमवार को बाजारों में रौनक दिखी।

नवरात्र को लेकर शहर के चामड़ गेट स्थित चामुंडा माता मंदिर, रमनपुर स्थित चामड़ मंदिर, बोहरे वाली देवी मंदिर, शीतला माता मंदिर, शांता माता मंदिर, पथवारी मंदिर आदि में सोमवार को साफ-सफाई, रंगाई-पुताई और प्रकाश व्यवस्था का कार्य किया गया।

नवरात्र से पहले चामुंडा मंदिर रमनपुर में यज्ञशाला तैयार करते मजदूर

देवी मंदिरों में सेवादार नवरात्रों को लेकर पूरी तैयारियां में लगे हुए हैं। भीड़ को देखते हुए मंदिरों अतिरिक्त इंतजाम किए जा रहे हैं। बुधवार से मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ दर्शन, भजन कीर्तन, प्रसाद वितरण का सिलसिला शुरू हो जाएगा। फूल बंगला, देवी जागरण, हवन आदि का आयोजन कई देवी मंदिरों पर होगा। प्रतिदिन सुबह पूजा अर्चना के बाद मइया के भव्य शृंगार किए जाएंगे। देर रात्रि तक भक्ति गीतों के साथ मइया के दर्शनों का सिलसिला जारी रहेगा। मां भवानी की स्तुति के लिए घर-घर में तैयारियां हो चुकी हैं। कलश स्थापना के साथ घरों में भी मां अम्बे की उपासना का कार्यक्रम नवरात्रों के दौरान चलेगा। भक्त उपवास रखकर मनोरथ पूर्ण होने की कामना मां अम्बे से करेंगे।

मंदिरों के साथ सजे बाजार

मंदिरों की तरह बाजार भी नवरात्रों को लेकर सज गए हैं। पूजा सामग्री से दुकानें सजी हुईं हैं। दुकानों में मइया के शृंगार के लिए लाल लाल चुनरी भी लटकी हुई हैं। इससे बाजारों में रौनक बिखरी हुई है। इन दुकानों पर पूजा सामग्री, शृंगार का सामान, मूर्ति आदि खरीदने वालों की भीड़ लगी हुई है।

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पूजन की विधि

  • आचार्य सीपू जी महाराज ने बताया कि नवरात्रों के पहले दिन कलश स्थापना की जाएगी। दोपहर बारह बजे कलश स्थापना का शुभ समय है। देवी मां का अभिषेक करने के साथ जौ बोये जाते हैं। चंदन केसर से मइया का तिलक करके उन्हें अक्षत अर्पण किए जाते हैं। फिर नए वस्त्र, नए आभूषण और नए चुनरी मइया को पहनाई जाती है। इसके बाद पुष्पों से शृंगार किया जाता है। मिष्ठान, हरा नारियल, ताजे फलों का भोग लगाकर दीप धूप से उनकी आरती श्रद्धाभाव से की जाती है। इस बार मइया नौका पर सवार होकर आ रही है। वर्षा की संभावना ज्यादा रहेगी।
  • आचार्य सुरेंद्रनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि चैत्र नवरात्र हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। चैत्र नवरात्र 22 मार्च से शुरू होकर तीस मार्च को संपन्न होंगे। कलश स्थापना सुबह छह बजकर 23 मिनट से साढ़े सात बजकर तीस मिनट तक शुभ मुहूर्त है। मइया की अखंड ज्योति जलाएं। साथ ही शाम को भजन कीर्तन करें। इस बार नवरात्र श्रद्धालुओं के लिए काफी फलदायी होंगे।

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