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हावड़ा: पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में पथराव की ताजा घटनाओं के बाद शुक्रवार को निषेधाज्ञा लागू कर दी गई. हावड़ा डीएम मुक्ता आर्य के शुक्रवार को जारी आदेश के मुताबिक, “हावड़ा, शिबपुर, संतरागाछी, दासनगर, सलकिया, मालीपंचघोरा और जगचा इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत एक अप्रैल 2023 तक निषेधाज्ञा लागू की गई है.”
हिंसा के मद्देनजर हावड़ा के कुछ इलाकों में शनिवार तड़के दो बजे तक इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई। हावड़ा डीएम ने दूरसंचार, इंटरनेट और केबल सेवा प्रदाताओं को क्षेत्र में हुई हिंसा के मद्देनजर उत्तेजक संदेशों और वीडियो को प्रतिबंधित करने के लिए नोटिस जारी किया है। आदेश में आगे कहा गया है, “जिले के विभिन्न हिस्सों में सड़कों, रेल और अन्य परिवहन की नाकाबंदी के मद्देनजर सार्वजनिक आपातकाल जारी है, जिसके लिए तत्काल कार्रवाई और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए तेजी की आवश्यकता है।”
इससे पहले गुरुवार को रामनवमी के जश्न के बीच हावड़ा में दो गुटों के बीच हुई झड़प में कई वाहनों में आग लगा दी गई थी. जुलूस के दौरान, दंगाइयों ने सार्वजनिक और निजी संपत्तियों में तोड़फोड़ की और वाहनों में आग लगा दी। रामनवमी समारोह के दौरान हावड़ा में हुई हिंसा के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को आपराधिक जांच विभाग (CID) को जांच सौंपी।
पुलिस महानिरीक्षक, सीआईडी सुनील चौधरी के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने जांच शुरू की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से बात की और हावड़ा में स्थिति का जायजा लिया जहां हिंसा भड़की। शाह ने पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को भी फोन किया और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर रामनवमी समारोह के दौरान हावड़ा में हुई हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की।
रामनवमी समारोह के दौरान पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हुई हिंसा के बाद, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर मामले की एनआईए जांच और केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की मांग की। हिंसा प्रभावित इलाकों में
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