- आईआईएमसी में कैंपेन प्लानिंग प्रजेंटेशन का आयोजन
- विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विद्यार्थियों ने दिखाई अपनी स्किल्स
नई दिल्ली, 4 जुलाई। किसी भी इंसान को को छोटी-छोटी समस्याओं पर नजर रखनी चाहिए। उनका हल सोचना चाहिए। बड़े और सफल आइडिया इन्हीं से निकलते हैं। यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो.(डॉ.) संजय द्विवेदी ने विज्ञापन और जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित श्कैंपेन प्लानिंग प्रजेंटेशनश् का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि अक्सर कुछ नया देखते ही हम उसके उपभोग के बारे में सोचने लगते हैं, लेकिन उसे बेहतर बनाने की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता। हर प्रोडक्ट या सर्विस अलग-अलग जगहों पर सफल नहीं हो सकती, लेकिन तुलना करने पर हम हर जगह के बारे में बेहतर जान सकते हैं। फिर पहले से मौजूद आइडिया में जरूरी बदलाव कर कुछ नया सोच सकते हैं।
कैंपेन प्लानिंग प्रजेंटेशनश् के दौरान विद्यार्थियों ने एचपी, जागरण समूह, यूनाइटेड नेशंस, अदानी (गुवाहाटी हवाई अड्डा) और बिकानो जैसे क्लाइंट्स के लिए कैंपेन प्लान किये। इस अवसर पर विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग की पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. मीता उज्जैन, डिजिटल मीडिया विभाग की पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. अनुभूति यादव, जागरण समूह के जनरल मैनेजर प्रशांत कश्यप और एलजीबीआई एयरपोर्ट, सीएओ कार्यालय के उप प्रबंधक पृथ्वीराज एन भी उपस्थित रहे।
विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक ने कहा कि अपनी रुचि की चीजों के बारे में खूब पढ़िए। कुछ नया सीखने को मिले, तो इसके बारे में लोगों से बातें कीजिए। वे क्या सोचते हैं, यह जानने की कोशिश कीजिए। मन में जो भी विचार आते हैं, उन्हें अमलीजामा पहनाने की कोशिश कीजिए। इनके नतीजे अच्छे न निकलें, तो घबराइए मत, क्योंकि इसके बाद ही अच्छे आइडिया भी आएंगे। बस आपको अपनी क्रिएटिव सोच बनाए रखनी है।
प्रजेंटेशन के दौरान गायत्री रथ, पल्लवी मोहन, सिमरत गुलाटी, डॉ. संजीव कुमार और सौरभ दास गुप्ता निर्णायक मंडल के तौर पर उपस्थित रहे। कैंपेन प्लानिंग के मेंटर्स संजय तिवारी, सलोनी सूद और अभिक चौधरी ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। विद्यार्थियों के आठ समूहों ने पिछले दो महीनों के दौरान क्लाइंट्स से संपर्क किया और उनके द्वारा दिये गए विवरण के आधार पर कई कैंपेन प्लान किये। छात्रों को उनकी इस मेहनत के लिए निर्णायक मंडल के साथ-साथ क्लाइंट्स द्वारा भी सराहना मिली।