संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा जारी है। इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है। अब इस मुद्दे को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बिफर गए हैं। लोकसभा में मणिपुर मुद्दे पर लगातार हो रहे हंगामे और कामकाज बाधित होने से के बाद आज बिरला ने सदन की कार्यवाही का संचालन नहीं किया। इतना ही नहीं उन्होंने पक्ष-विपक्ष के सांसदों को चेतावनी दी है कि जब तक सांसद सदन की मान-मर्यादा के अनुरूप व्यवहार नहीं करेंगे तब तक वे कार्यवाही का संचालन नहीं करेंगे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों से अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें इसके बारे में बता भी दिया है। बिरला ने कहा है कि सदन की गरिमा उनके लिए सर्वोच्च है और सदन में मर्यादा कायम करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। लोकसभा अध्यक्ष का कहना है कि सदन में कुछ सदस्यों का व्यवहार सदन की उच्च परंपराओं के विपरीत है।
बताया गया है कि मंगलवार को निचले सदन में दिल्ली सेवा संबंधी विधेयक पेश किये जाने के दौरान शोर-शराबे को लेकर भी उन्होंने अपनी अप्रसन्नता जाहिर की है। मंगलवार को विधेयक पेश किये जाने के दौरान विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा था, ‘‘पूरा देश देख रहा है, आप संसद में इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं जो उचित नहीं है।’’
बिरला ने कहा था, ‘‘मैं आपको चर्चा के दौरान पर्याप्त मौका दूंगा।’’ मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही लोकसभा में मणिपुर मुद्दे पर जारी गतिरोध बुधवार को भी बरकरार रहा और विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
आज सुबह निचले सदन की बैठक शुरू होने पर कार्यवाही पीठासीन सभापति मिथुन रेड्डी ने संचालित की। रेड्डी ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, उसी समय विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर मुद्दे पर जल्द चर्चा कराने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। हाथों में तख्तियां लिए हुए कई विपक्षी सांसद आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।