तीन घंटे तक ट्रक में फंसा रहा क्लीनर

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औरास। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मंगलवार सुबह छह बजे हसनगंज थानाक्षेत्र के पिछवाड़ा गांव के सामने चालक को झपकी आने से चावल लदा ट्रक सेफ्टी ग्रिल तोड़ते हुए 20 फीट गहरी खंती में जाकर पलट गया। हादसे के कुछ देर बाद चालक को तो खंती से निकाल लिया गया, लेकिन क्लीनर तीन घंटे तक ट्रक में ही फंसा छटपटाता रहा। यूपीडा की क्रेन को मौके पर पहुंचने और क्लीनर को निकालने में तीन घंटे लग गए। चालक को लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। क्लीनर की हालत खतरे से बाहर है।
राजस्थान के थाना रामगढ़ के बाडीपोखर निवासी मुस्तफा (25) ट्रक चालक है। वह गांव के ही क्लीनर अफजल (21) के साथ ट्रक पर बिहार राज्य से चावल लादकर राजस्थान जा रहा था। मंगलवार सुबह छह बजे पिछवाड़ा गांव के सामने चालक मुस्तफा को झपकी लग गई। इससे ट्रक अनियंत्रित होकर सेफ्टी ग्रिल तोड़ता हुआ एक्सप्रेसवे के किनारे गहरी खंती में पलट गया। हादसे में चालक और क्लीनर ट्रक में फंस गए।
यूपीडा की क्रेन मौके पर नहीं पहुंची तो मोहान चौकी प्रभारी जितेंद्र यादव ने पास के गांव से जेसीबी बुलवाकर मुस्तफा को तो बाहर निकाल लिया, लेकिन क्लीनर को निकालने में सफलता नहीं मिली। लगभग दो घंटे बाद यूपीडा की क्रेन पहुंची, लेकिन ट्रक के पास नहीं पहुंच पाई। इसके बाद क्रेन के लिए रास्ता बनाया गया। इसके बाद ट्रक में फंसे क्लीनर को निकाला जा सका। उसे सीएचसी में भर्ती कराया गया। चालक को गंभीर हालत में ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर किया गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार हादसे के बाद ट्रक में चालक व क्लीनर के फंसे होने की जानकारी यूपीडा अधिकारियों को दी गई। तब क्रेन दो घंटे बाद मौके पर पहुंची। खंती की गहराई अधिक होने से क्रेन का हुक ट्रक तक नहीं पहुंच पाया। प्रयास करने पर क्रेन भी खंती में जाते बची। इस पर चालक ने ग्रामीणों को क्रेन के पिछले हिस्से में बैठाया। फिर भी कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद जेसीबी से क्रेन के लिए स्लोप बनाकर पास तक क्रेन को पहुंचाया गया। तब क्लीनर को तीन घंटे बाद निकाला जा सका।
यूपीडा के सुरक्षाधिकारी आरके चंदेल ने बताया कि सुबह छह बजे हादसा हुआ। सुबह 6:10 बजे उन्हें कंट्रोल से हादसे की सूचना मिली। चालक व क्लीनर के ट्रक में फंसे होने की जानकारी मिलने पर सुबह 7:10 बजे क्रेन को मौके पर भेजा गया। एक्सप्रेसवे से गहराई में गिरे ट्रक को निकालने के लिए क्रेन के उतरने के लिए मिट्टी डालकर स्लोप बनाने में समय लगा। स्लोप बनने के बाद क्रेन नीचे उतारी जा सकी। बताया कि 60 किलोमीटर की दूरी में यूपीडा की दो क्रेन व एक हाइड्रा अलग-अलग प्वाइंटों पर रहता है।

ट्रक में फंसे चालक-क्लीनर को निकालने पहुंची जेसीबी व मौजूद भीड़। संवाद

ट्रक में फंसे चालक-क्लीनर को निकालने पहुंची जेसीबी व मौजूद भीड़। संवाद– फोटो : UNNAO

क्रेन पलटने के डर से उस पर खड़े किए गए स्थानीय लोग। संवाद

क्रेन पलटने के डर से उस पर खड़े किए गए स्थानीय लोग। संवाद– फोटो : UNNAO

सीएचसी में भर्ती ट्रक चालक मुस्तफा। संवाद

सीएचसी में भर्ती ट्रक चालक मुस्तफा। संवाद– फोटो : UNNAO

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औरास। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मंगलवार सुबह छह बजे हसनगंज थानाक्षेत्र के पिछवाड़ा गांव के सामने चालक को झपकी आने से चावल लदा ट्रक सेफ्टी ग्रिल तोड़ते हुए 20 फीट गहरी खंती में जाकर पलट गया। हादसे के कुछ देर बाद चालक को तो खंती से निकाल लिया गया, लेकिन क्लीनर तीन घंटे तक ट्रक में ही फंसा छटपटाता रहा। यूपीडा की क्रेन को मौके पर पहुंचने और क्लीनर को निकालने में तीन घंटे लग गए। चालक को लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। क्लीनर की हालत खतरे से बाहर है।

राजस्थान के थाना रामगढ़ के बाडीपोखर निवासी मुस्तफा (25) ट्रक चालक है। वह गांव के ही क्लीनर अफजल (21) के साथ ट्रक पर बिहार राज्य से चावल लादकर राजस्थान जा रहा था। मंगलवार सुबह छह बजे पिछवाड़ा गांव के सामने चालक मुस्तफा को झपकी लग गई। इससे ट्रक अनियंत्रित होकर सेफ्टी ग्रिल तोड़ता हुआ एक्सप्रेसवे के किनारे गहरी खंती में पलट गया। हादसे में चालक और क्लीनर ट्रक में फंस गए।

यूपीडा की क्रेन मौके पर नहीं पहुंची तो मोहान चौकी प्रभारी जितेंद्र यादव ने पास के गांव से जेसीबी बुलवाकर मुस्तफा को तो बाहर निकाल लिया, लेकिन क्लीनर को निकालने में सफलता नहीं मिली। लगभग दो घंटे बाद यूपीडा की क्रेन पहुंची, लेकिन ट्रक के पास नहीं पहुंच पाई। इसके बाद क्रेन के लिए रास्ता बनाया गया। इसके बाद ट्रक में फंसे क्लीनर को निकाला जा सका। उसे सीएचसी में भर्ती कराया गया। चालक को गंभीर हालत में ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर किया गया है।

स्थानीय लोगों के अनुसार हादसे के बाद ट्रक में चालक व क्लीनर के फंसे होने की जानकारी यूपीडा अधिकारियों को दी गई। तब क्रेन दो घंटे बाद मौके पर पहुंची। खंती की गहराई अधिक होने से क्रेन का हुक ट्रक तक नहीं पहुंच पाया। प्रयास करने पर क्रेन भी खंती में जाते बची। इस पर चालक ने ग्रामीणों को क्रेन के पिछले हिस्से में बैठाया। फिर भी कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद जेसीबी से क्रेन के लिए स्लोप बनाकर पास तक क्रेन को पहुंचाया गया। तब क्लीनर को तीन घंटे बाद निकाला जा सका।

यूपीडा के सुरक्षाधिकारी आरके चंदेल ने बताया कि सुबह छह बजे हादसा हुआ। सुबह 6:10 बजे उन्हें कंट्रोल से हादसे की सूचना मिली। चालक व क्लीनर के ट्रक में फंसे होने की जानकारी मिलने पर सुबह 7:10 बजे क्रेन को मौके पर भेजा गया। एक्सप्रेसवे से गहराई में गिरे ट्रक को निकालने के लिए क्रेन के उतरने के लिए मिट्टी डालकर स्लोप बनाने में समय लगा। स्लोप बनने के बाद क्रेन नीचे उतारी जा सकी। बताया कि 60 किलोमीटर की दूरी में यूपीडा की दो क्रेन व एक हाइड्रा अलग-अलग प्वाइंटों पर रहता है।

ट्रक में फंसे चालक-क्लीनर को निकालने पहुंची जेसीबी व मौजूद भीड़। संवाद

ट्रक में फंसे चालक-क्लीनर को निकालने पहुंची जेसीबी व मौजूद भीड़। संवाद– फोटो : UNNAO

क्रेन पलटने के डर से उस पर खड़े किए गए स्थानीय लोग। संवाद

क्रेन पलटने के डर से उस पर खड़े किए गए स्थानीय लोग। संवाद– फोटो : UNNAO

सीएचसी में भर्ती ट्रक चालक मुस्तफा। संवाद

सीएचसी में भर्ती ट्रक चालक मुस्तफा। संवाद– फोटो : UNNAO

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