5 मर्डर मिस्ट्री :  सामूहिक नरसंहार का कौशाम्बी कनेक्शन, प्रेम प्रसंग और भूमि विवाद पर भी नजर

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कोखराज कोतवाली के भदवां गांव का राहुल तिवारी बचपन से ही महत्वाकांक्षी था। दौलत के खातिर वह कुछ भी कर सकता है। प्रयागराज के नवाबगंज कोतवाली के खागलपुर में राहुल व उसकी पत्नी सहित तीन बेटियों के दुखत अंत की जानकारी होने के बाद उसके पैतृक गांव कोखराज (भदवां) में सन्नाटा पसरा है।

राहुल ने अपनी पत्नी व बेटियों की हत्या करने के बाद खुद फांसी लगाई या फिर पूरे परिवार का सामूहिक नरसंहार हुआ? इसका खुलासा नहीं हो सका। लेकिन घटना की जानकारी के बाद गांव के लोग दबी जुबान से यही बात कह रहे हैं कि दौलत के पीछे  भागम-भाग जिंदगी ही आखिरकार इतनी बड़ी घटना का कारण बनी।

भदवां गांव निवासी त्रिपुरारी तिवारी के तीन बेटे क्रमश: मुन्ना, राहुल व विवेक तिवारी थे। ग्रामीणों के मुताबिक राहुल ने करीब 20 साल पहले परिवार के एक बाबा से उनकी 11 बीघे जमीन अपने नाम वरासत करा ली थी। इसकी जानकारी जब उसके भाई मुन्ना व विवेक को हुई तो घर में काफी विवाद हुआ। बाद में वसीयत बदलना पड़ा। इसके बाद बाबा की जमीन तीनों भाइयों के नाम पर दर्ज हुई।

राहुल ने प्रीति से की थी कोर्ट मैरिज

करीब 16  साल पहले राहुल की शादी क्षेत्र के ही अंदावां गांव की प्रीती तिवारी के साथ (कोर्ट मैरिज) हुई थी। शादी के कुछ दिनों तक सब ठीक रहा। राहुल इलाहाबाद विश्व विद्यालय में संविदा पर नौकरी करता था। इस दौरान उसके तीन बेटियां हुईं। वह, वहीं पर परिवार के साथ किराए का कमरा लेकर रहता था। इस दौरान राहुल ने फिर चाल चली और अपनी सास को झांसे में लेकर उसकी 16 विश्वा जमीन अपने नाम बैमाना करा लिया।

करीब तीन साल पहले विश्व विद्यालय से संविदा समाप्त होने पर राहुल परिवार के साथ ससुराल में ही आकर रहने लगा। राहुल यहां मवेशियों की खरीद-फरोख्त किया करता था। उसने ससुराल के घर व खेत पर कब्जा करना चाहा तो साले पिंटू व चंद्रशेखर से विवाद होने लगा। हालात यह बने कि नवंबर 2021 को पुलिस बुलाकर राहुल को जबरन ससुराल वाले घर से निकाला गया।

इलाहाबाद विवि में संविदा पर नौकरी करता था राहुल

इसके बाद राहुल प्रयागराज के नवाबगंज के खागलपुर में किराए का कमरा लेकर रहने लगा और वहां पर भी मवेशियों को खरीदने व बेचने का काम करने लगा। भदवां गांव के लोगों का कहना है राहुल कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता था। उसका रहन-सहन किसी अफसर से कम नहीं था।

 

 

पत्नी व बच्चों को भी वह महंगे कपड़े पहना कर रखता था। ग्रामीणों ने दबी जुबान से बताया कि राहुल की ससुराल वालों से नहीं बनती थी। अक्सर उसका विवाद होता था। माना जा रहा है कि इसी दौलत के खातिर राहुल व उसके परिवार की या तो हत्या कर दी गई या फिर तनाव में आकर राहुल ने खुद ही खौफनाक कदम उठा डाला।

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भदवां की गलियों में पसरा सन्नाटा, राहुल के घर मिला ताला

शनिवार सुबह सोशल मीडिया में प्रसारित एक खबर ने भदवां गांव के लोगों को झकझोर दिया। खबर भी ऐसी थी कि कलेजा कांप जाए। गांव के राहुल तिवारी व उसकी पत्नी प्रीती सहित तीन बेटियों को बेरहमी के कत्ल किए जाने की बात थी। घटना की जानकारी होते ही पूरे गांव में सन्नाटा छा गया। लोग राहुल के घर की तरफ पहुंचे, तब तक शायद परिवार के लोगों को घटना की जानकारी हो चुकी थी। वह लोग घर में ताला बंद कर प्रयागराज परिवार सहित रवाना होने वाले थे। 

भदवां गांव में मुन्ना, राहुल व विवेक तिवारी संयुक्त परिवार में रहते थे। राहुल नवाबगंज के खागलपुर में किराए का कमरा लेकर रहता था जबकि उसके दोनों भाई एक साथ रहते थे। राहुल जब कभी गांव आता था तो परिवार के साथ ही रुकता था। ग्रामीणों की माने तो जैसे ही मुन्ना व विवेक को राहुल व उसके परिवार की हत्या किए जाने की खबर मिली तो दोनों भाई चीख-चीखकर रोने लगे। उनका कहना था उ पिंटुवा… चंद्रशेखरा मार डारिन भाई का। परिवार के अन्य सदस्य भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। घटना के बाद से भदवां गांव में अजीब सी खामोशी दिखी। कुछ चौपालों पर जहां कुछ लोग भी मौजूद थे वहां सिर्फ इसी जघंन्य हत्याकांड  की ही चर्चा होती रही।

सास ने मृतक राहुल के चरित्र पर उठाए सवाल

एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या हो जाने की खबर के बाद पुलिस और मीडिया के लोग भदवां से लेकर मृतक की ससुराल अंदावां की दौड़ लगाने लगे। अंदावां में मृतक की बुजुर्ग सास पार्वती ने राहुल के चरित्र पर ही सवालिया निशान लगा दिया। अपनी जमीन राहुल के नाम किए जाने के सवाल पर उसका कहना था कि उसे नहीं मालूम था कि यह कब हुआ। पार्वती देवी ने बताया वर्ष 1990 में उसके पति की मौत हुई है। बड़ा बेटा सात साल का था, जबकि छोटा गर्भ में था। घर में सिर्फ सयानी बेटियां ही थीं। पार्वती का कहना है कुछ साल पहले राहुल ने धोखे से उसकी जमीन का बैनामा करा लिया। इसी जमीन पर उसने लोन भी ले लिया। उसकी नीयत परिवार की एक महिला को बेचने पर भी थी।

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