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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 19 May 2022 01:11 AM IST
सार
यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल एवं जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने रजनीश कुमार पांडेय की तरफ से दाखिल जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा याची राजनीतिक व्यक्ति है और वह यह तय नहीं कर सकता कि राम वन गमन जाने का मार्ग व उसका रूट क्या होना चाहिए।
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विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राम वन गमन मार्ग का रूट बदलकर इस मार्ग का निर्माण कराने की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि ऐतिहासिक साक्ष्यों के तहत राम गमन मार्ग का निर्माण हो रहा है।
यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल एवं जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने रजनीश कुमार पांडेय की तरफ से दाखिल जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा याची राजनीतिक व्यक्ति है और वह यह तय नहीं कर सकता कि राम वन गमन जाने का मार्ग व उसका रूट क्या होना चाहिए।
ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने अयोध्या से लंका की यात्रा पैदल करते समय 248 प्रमुख स्थानों से होते हुए गए थे। प्रदेश सरकार ने राम गमन मार्ग निर्माण के लिए लगभग 4000 करोड़ की लागत से सड़क बनाने का निर्णय लिया है। याचिकाकर्ता कोर्ट को यह संतुष्ट नहीं कर सका की राम वन गमन मार्ग के रूट को परिवर्तित करने का उसके पास क्या ठोस प्रमाणिक साक्ष्य है।
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