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उन्नाव। सुमेरपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत सराय मनिहार में मनरेगा से बने कैटलशेड में 83 हजार रुपये की गड़बड़ी में प्रधान सहित तीन दोषी पाए गए हैं। सीडीओ ने प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक तीनों से 33-33 फीसदी राशि की रिकवरी करने और रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए बीडीओ को पत्र जारी किया है।
17 सितंबर को सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने सराय मनिहार गांव में कराए गए विकास कार्यों का जायजा लिया था। इसके बाद मनरेगा से हुए कार्यों की जांच बीडीओ सुमेरपुर को सौंपी थी। बीडीओ संध्यारानी ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता के साथ गांव में जाकर जांच की थी। उन्होंने गांव में मनरेगा से बने छह कैटलशेड का सत्यापन किया।
मौके पर अमरजीत, जंगली, महेंद्र सिंह, सरजूदेई, रामसनेही, सुशांत सिंह के घर पर जाकर कैटलशेड जाकर देखा और अभिलेखीय जांच की। इसमें पता चला कि निर्माण सामग्री की फीडिंग में चार लाख से अधिक धनराशि दिखाई गई है, जबकि मौके पर निर्माण में निर्धारित सामग्री कम मिली। इस आधार पर 83,549 रुपये की वित्तीय अनियमितता पाई गई।
बीडीओ ने रिपोर्ट सीडीओ को भेजी है। रिपोर्ट के आधार पर प्रधान, पंचायत सचिव व तकनीकी सहायक को दोषी पाया गया है। सीडीओ ने बीडीओ संध्यारानी को पत्र भेजकर तीनों में प्रत्येक से 33 प्रतिशत की वसूली और रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए।
अपर जिला परियोजना प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस
पंचायतीाराज विभाग में तैनात अपर जिला परियोजना प्रबंधक (एडीपीएम) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। डीपीआरओ डॉ. निरीश चंद्र साहू ने बताया कि 22 सितंबर को जनसुनवाई पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए एक सेल गठित की थी। इसमें एडीपीएम श्याम सिंह को शिकायतों के गुणवत्तापरक निस्तारण किए जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
निर्देश दिए गए थे कि इसके लिए एक रजिस्टर बनाएं और शिकायतों के सामने शिकायतकर्ता से मिली फीडबैक भी दर्ज करें। साथ ही रोजाना इसकी जानकारी दें, लेकिन एडीपीएम ने निर्देशों का पालन नहीं किया। बताया कि पूर्व में भी कई मामलों में एडीपीएम लापरवाही कर चुके हैं। इसी कारण कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। चेतावनी दी गई है कि यदि नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं दिया तो संविदा समाप्त कर दी जाएगी।
उन्नाव। सुमेरपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत सराय मनिहार में मनरेगा से बने कैटलशेड में 83 हजार रुपये की गड़बड़ी में प्रधान सहित तीन दोषी पाए गए हैं। सीडीओ ने प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक तीनों से 33-33 फीसदी राशि की रिकवरी करने और रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए बीडीओ को पत्र जारी किया है।
17 सितंबर को सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने सराय मनिहार गांव में कराए गए विकास कार्यों का जायजा लिया था। इसके बाद मनरेगा से हुए कार्यों की जांच बीडीओ सुमेरपुर को सौंपी थी। बीडीओ संध्यारानी ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता के साथ गांव में जाकर जांच की थी। उन्होंने गांव में मनरेगा से बने छह कैटलशेड का सत्यापन किया।
मौके पर अमरजीत, जंगली, महेंद्र सिंह, सरजूदेई, रामसनेही, सुशांत सिंह के घर पर जाकर कैटलशेड जाकर देखा और अभिलेखीय जांच की। इसमें पता चला कि निर्माण सामग्री की फीडिंग में चार लाख से अधिक धनराशि दिखाई गई है, जबकि मौके पर निर्माण में निर्धारित सामग्री कम मिली। इस आधार पर 83,549 रुपये की वित्तीय अनियमितता पाई गई।
बीडीओ ने रिपोर्ट सीडीओ को भेजी है। रिपोर्ट के आधार पर प्रधान, पंचायत सचिव व तकनीकी सहायक को दोषी पाया गया है। सीडीओ ने बीडीओ संध्यारानी को पत्र भेजकर तीनों में प्रत्येक से 33 प्रतिशत की वसूली और रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए।
अपर जिला परियोजना प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस
पंचायतीाराज विभाग में तैनात अपर जिला परियोजना प्रबंधक (एडीपीएम) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। डीपीआरओ डॉ. निरीश चंद्र साहू ने बताया कि 22 सितंबर को जनसुनवाई पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए एक सेल गठित की थी। इसमें एडीपीएम श्याम सिंह को शिकायतों के गुणवत्तापरक निस्तारण किए जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
निर्देश दिए गए थे कि इसके लिए एक रजिस्टर बनाएं और शिकायतों के सामने शिकायतकर्ता से मिली फीडबैक भी दर्ज करें। साथ ही रोजाना इसकी जानकारी दें, लेकिन एडीपीएम ने निर्देशों का पालन नहीं किया। बताया कि पूर्व में भी कई मामलों में एडीपीएम लापरवाही कर चुके हैं। इसी कारण कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। चेतावनी दी गई है कि यदि नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं दिया तो संविदा समाप्त कर दी जाएगी।
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