वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण आज लगेगा। काशी में शाम को ग्रहण लगेगा और सूतक नौ घंटे पहले ही शुरू हो गया है। सूतक के दौरान काशी के मंदिरों के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। काशी विश्वनाथ मंदिर तीन घंटे, अन्नपूर्णा मंदिर चार घंटे और संकटमोचन मंदिर लगभग 11 घंटे तक बंद रहेगा। मोक्ष के बाद शाम को पूजन अर्चन के बाद मंदिरों के कपाट खुलेंगे।
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि ग्रहण का प्रारंभ चंद्रोदय के समय शाम को 5.10 पर होगा और ग्रहण की समाप्ति शाम को 6.19 बजे होगी। ग्रहण काल का सूतक प्रात: काल 8.10 पर लग चुका है। चंद्रग्रहण भरणी नक्षत्र पर एवं मेष राशि पर लगने वाला है।
द्वादश राशियों पर प्रभाव
मेष- अशुभ प्रभाव हो सकती है घात।
वृषभ- अशुभ प्रभाव हो सकती है हानि।
मिथुन- ग्रहण लाभकारी है। लाभ हो सकता है।
कर्क- धन, यात्रा या अन्य किसी भी प्रकार का सुख मिल सकता है।
सिंह- ग्रहण अशुभ है। मानहानि होने की संभावना है।
कन्या- अशुभ है। मृत्युतुल्य कष्ट हो सकता है।
तुला- ग्रहण अशुभ है। स्त्री पीड़ा हो सकती है।
वृश्चिक- ग्रहण शुभ है। सुख देने वाला है।
धनु- ग्रहण अशुभ चिंता दे सकता है।
मकर- ग्रहण अशुभ है। व्यथा का सामना करना पड़ सकता है।
कुंभ- ग्रहण शुभ है। धन प्राप्ति का योग बना सकता है।
मीन-अशुभ असर देने वाला है। यह किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचा सकता है ।
– ग्रहण के दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से बचें।
– सूतक काल के दौरान घर पर ही रहें, कोशिश करें कि ग्रहण की रोशनी आपने घर के अंदर प्रवेश ना करें।
– सूर्य ग्रहण की तरह की चंद्र ग्रहण को भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए।
– ग्रहण से पहले और ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए, कहा जाता है ऐसा करने से ग्रहण का कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं रहता।
– सूतक काल के दौरान कुछ भी खाने पीने बचें।
– अगर ग्रहण से पहले कुछ भोजन बच गया है तो ग्रहण खत्म होने के बाद इसका सेवन ना करें और नया भोजन बनाकर ही उसका सेवन करें।
– ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलने से बचें।
– किसी भी परिस्थिति में ग्रहण को ना देखें।
– गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान अपने पास दूर्वा घास रखें। इस दौरान सिलाई, कढ़ाई, बुनाई जैसा कोई भी काम ना करें।
– शांति से काम लें और किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव न लें।
वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण आज लगेगा। काशी में शाम को ग्रहण लगेगा और सूतक नौ घंटे पहले ही शुरू हो गया है। सूतक के दौरान काशी के मंदिरों के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। काशी विश्वनाथ मंदिर तीन घंटे, अन्नपूर्णा मंदिर चार घंटे और संकटमोचन मंदिर लगभग 11 घंटे तक बंद रहेगा। मोक्ष के बाद शाम को पूजन अर्चन के बाद मंदिरों के कपाट खुलेंगे।
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि ग्रहण का प्रारंभ चंद्रोदय के समय शाम को 5.10 पर होगा और ग्रहण की समाप्ति शाम को 6.19 बजे होगी। ग्रहण काल का सूतक प्रात: काल 8.10 पर लग चुका है। चंद्रग्रहण भरणी नक्षत्र पर एवं मेष राशि पर लगने वाला है।
द्वादश राशियों पर प्रभाव
मेष- अशुभ प्रभाव हो सकती है घात।
वृषभ- अशुभ प्रभाव हो सकती है हानि।
मिथुन- ग्रहण लाभकारी है। लाभ हो सकता है।
कर्क- धन, यात्रा या अन्य किसी भी प्रकार का सुख मिल सकता है।
सिंह- ग्रहण अशुभ है। मानहानि होने की संभावना है।
कन्या- अशुभ है। मृत्युतुल्य कष्ट हो सकता है।
तुला- ग्रहण अशुभ है। स्त्री पीड़ा हो सकती है।
वृश्चिक- ग्रहण शुभ है। सुख देने वाला है।
धनु- ग्रहण अशुभ चिंता दे सकता है।
मकर- ग्रहण अशुभ है। व्यथा का सामना करना पड़ सकता है।
कुंभ- ग्रहण शुभ है। धन प्राप्ति का योग बना सकता है।
मीन-अशुभ असर देने वाला है। यह किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचा सकता है ।