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सामुदायिक शौचालय पर लगे ताले
– फोटो : अमर उजाला
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ग्रामीण एवं क्षेत्र में बंद पड़े सामुदायिक शौचालय प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रहे हैं। क्षेत्र में कई जगह अब तक सामुदायिक शौचालयों का निर्माण नहीं हो सका है। जो तैयार हो गए हैं उन पर भी ताले लटके रहते हैं।
नगर पंचायत सहपऊ में पांच सामुदायिक शौचालय का निर्माण होना था। इनमें से से ठेकेदार ने दो शौचालय तो बना कर तैयार कर दिए जबकि तीन शौचालय अभी भी निर्माणाधीन है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बने सामुदायिक शौचालय भी सफेद हाथी साबित हो रहे हैं।
शहरी क्षेत्र में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के दौरान यहां के लोगों को आशा थी कि अब उन्हें खुले में शौच के लिए नहीं जाना पड़ेगा। जो शौचालय बने हैं वे भी अधिकतर बंद रहते हैं। इससे जिन घरों में शौचालय नहीं बने हैं वैसे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
हमारे गांव में बना शौचालय ज्यादातर बंद ही रहता है। शौचालय में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसी चाबी तीन लोगों के पास है उनके अलावा वहां कोई शौच करने नहीं जाता है। – सतीश कुमार, नगला बिहारी
हमारे मोहल्ले में शौचालय अभी तक अपूर्ण ही है। चालू होने के का नाम नहीं ले रहा है। अब तो चेयरमैन भी हट गए हैं। अब जाने कब यह शौचालय बनकर तैयार होगा। इसका तो भगवान ही मालिक है। – हरीश कुमार, मोहल्ला अहेरियाना सहपऊ
बिजली का कनेक्शन नहीं होने के कारण यहां पानी की सुविधा नहीं है। इसलिए इसे बंद कर रखा जाता है। कभी-कभी सामुदायिक शौचालय खुलता है। बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दिया गया है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। -ओमवीर सिंह, ग्राम प्रधान, नगला बिहारी
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