Allahabad High Court Order: याची पर एक लाख का जुर्माना मकान का कब्जा सौंपने का निर्देश

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 20 May 2022 03:20 AM IST

सार

मामले में याची ने बैंक द्वारा लोन वसूली में मकान संख्या 3 सी 213/2 आवास विकास हंसपुरम, नौबस्ता की नीलामी ली। उसने 16 लाख 93 हजार रुपये बैंक को दिए। बैनामा कराया और कब्जा लिया। जिसमें वह रह रही है।

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नौबस्ता कानपुर नगर की किरन सिंह की याचिका को एक लाख रुपये हर्जाने के साथ खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मकान का कब्जा बैंक को सौंपने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि महिला मकान का कब्जा बैंक को वापस नहीं सौंपती तो डीएम उनसे मुआवजा वसूली की कार्रवाई करें। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने किरन सिंह की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।

मामले में याची ने बैंक द्वारा लोन वसूली में मकान संख्या 3 सी 213/2 आवास विकास हंसपुरम, नौबस्ता की नीलामी ली। उसने 16 लाख 93 हजार रुपये बैंक को दिए। बैनामा कराया और कब्जा लिया। जिसमें वह रह रही है। इस बीच मकान के मालिक ने ऋण वसूली अधिकरण प्रयागराज में वाद दायर किया। अधिकरण ने नीलामी अवैध करार दी और उसे लोन राशि जमाकर मकान का कब्जा वापस लेने का अधिकार दिया तथा याची को मकान का कब्जा बैंक को सौंपने का निर्देश देते हुए कहा कि वह बैंक में जमा नीलामी राशि फिक्स डिपॉजिट ब्याज की दर से वापस ले ले।

आदेश फाइनल होने के बाद भी जमाए रखा मकान पर कब्जा

इस आदेश के खिलाफ  अपीलीय अधिकरण में अपील भी खारिज हो गई। याची ने उसे चुनौती नहीं दी। आदेश फाइनल हो गया। फिर भी मकान पर कब्जा जमाए रखा। बैंक ने कब्जा लेने की अर्जी अधिकरण में दी। अधिकरण ने याची को 15 दिन में मकान का कब्जा बैंक को सौंपने का निर्देश दिया और कहा न सौंपे तो बैंक पुलिस सहायता से कब्जा वापस ले ले। एसएसपी को निर्देश दिया गया कि वह पुलिस मुहैया कराएं।

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कोर्ट ने कहा कि याची का संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है। वह केस हार चुकी है। आदेश फाइनल हो चुका है। वह केवल बैंक से ब्याज सहित पैसा वापस पाने की हकदार है। उसे मूल मकान मालिक को मकान के उपभोग के अधिकार से वंचित करने का अधिकार नहीं है। वह बैंक से ब्याज सहित वसूली के लिए मकान को कब्जे में नहीं रख सकती। कोर्ट ने एक लाख हर्जाना राशि मकान मालिक को देने का आदेश दिया है।

विस्तार

नौबस्ता कानपुर नगर की किरन सिंह की याचिका को एक लाख रुपये हर्जाने के साथ खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मकान का कब्जा बैंक को सौंपने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि महिला मकान का कब्जा बैंक को वापस नहीं सौंपती तो डीएम उनसे मुआवजा वसूली की कार्रवाई करें। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने किरन सिंह की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।

मामले में याची ने बैंक द्वारा लोन वसूली में मकान संख्या 3 सी 213/2 आवास विकास हंसपुरम, नौबस्ता की नीलामी ली। उसने 16 लाख 93 हजार रुपये बैंक को दिए। बैनामा कराया और कब्जा लिया। जिसमें वह रह रही है। इस बीच मकान के मालिक ने ऋण वसूली अधिकरण प्रयागराज में वाद दायर किया। अधिकरण ने नीलामी अवैध करार दी और उसे लोन राशि जमाकर मकान का कब्जा वापस लेने का अधिकार दिया तथा याची को मकान का कब्जा बैंक को सौंपने का निर्देश देते हुए कहा कि वह बैंक में जमा नीलामी राशि फिक्स डिपॉजिट ब्याज की दर से वापस ले ले।

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