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Umesh Pal Murder Case
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ से बरेली जेल के अधिकारियों की अनुमति पर आरक्षी शिवहरि मुलाकातियों को मिलवाता था। ये मुलाकातें जेल परिसर के मल्टीपरपज हॉल के सामने बने गोदाम में होती थीं। जेल अधिकारियों के बयान में सामने आया है कि शिवहरि और मनोज गौड़ संदिग्ध प्रवृत्ति के थे और उनकी अपराधियों से साठगांठ रहती थी।
जांच में कुछ ऐसे नए लोगों के नाम भी सामने आए हैं जो अशरफ से मिलने जेल आए थे। अब इस बात पर हैरानी जताई जा रही है कि जिन जेल अफसरों को इन गैरकानूनी मुलाकातों को रोकना था, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के बजाय केवल निलंबन और विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गयी है।
जेल में बंद निलंबित आरक्षी शिवहरि ने डीआईजी के सामने बयान दिया कि मुलाकातियों को अशरफ से मिलवाने का काम मैं जेलर राजीव मिश्रा और डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह के निर्देश पर करता था। अधिकारियों के कहने पर ही अशरफ के मुलाकातियों की आईडी उनके सम्मुख प्रस्तुत करता था।
तीन-चार आईडी पर 6-7 लोगों की गोदाम में मुलाकात कराई जाती थी। इसकी जानकारी समस्त जेल अधिकारियों को थी। मुलाकातियों को सद्दाम और लल्ला गद्दी लेकर आते थे, जिनको जेल अधिकारी पहले से जानते थे। लल्ला गद्दी बरेली जेल में पहले निरुद्ध रह चुका है।
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