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संवाद न्यूज एजेंसी
उन्नाव। जर्जर छज्जे के नीचे दबने से मौत का शिकार हुए गौरव और अफजल के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस हादसे ने न केवल उनकी खुशियां छीन ली हैं, बल्कि सपने भी चकनाचूर कर दिए हैं।
बंद पड़े मकान के सामने काफी जगह खाली होने से मोहल्ले के बच्चे रोज सुबह-शाम यहीं खेलते थे। 20 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू होने से बच्चे सुबह खेलने के लिए वहां पहुंच जाते थे। किसी ने बंद मकान के इस जर्जर हिस्से पर ध्यान नहीं दिया। इसका नतीजा यह निकला कि मंगलवार सुबह दो बच्चों की मौत हो गई।
माता-पिता का इकलौता था अफजल
अफजल के पिता मोहम्मद शमी की तीन साल पहले सबीना के साथ शादी हुई थी। अफजल उनकी पहली संतान था। वह माता-पिता की आंखों का तारा था। इकलौते बेटे की मौत की खबर सुन मां गश खाकर गिर पड़ी। वहीं पिता भी बेहाल हैं। शमी मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता है। वह अपने बेटे को पढ़ा लिखाकर बड़ा इंसान बनाना चाहता था।
अधिकारी बनाने के लिए गौरव को निजी स्कूल में पढ़ा रहे थे हरीश
गौरव के पिता हरीश उसे बड़ा अधिकारी बनाना चाहते थे। इसके लिए वह बेटे को एक निजी स्कूल में पढ़ा रहे थे। वह कक्षा चार का छात्र था और पढ़ाई में बहुत अच्छा था। दादी रामप्यारी पूर्व ग्राम प्रधान रहीं, लेकिन परिवार की स्थिति अच्छी नहीं है। बेटे की शिक्षा दीक्षा अच्छी हो, इसके लिए हरीश तहसील में एक वकील के बस्ते पर मुंशी का काम करते हैं। गौरव तीन भाई बहनों में सबसे बड़ा था। बेटे की मौत से मां सविता, दादी, बाबा बेचेलाल और पिता सहित अन्य परिजन बेहाल हैं। पिता ने बताया कि अब वह छह साल के बेटे कार्तिक और तीन साल की बेटी परी को अधिकारी बनाने का प्रयास करेंगे।
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