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उन्नाव। जून से अगस्त तक औसत से भी कम बारिश होने से खरीफ की फसलों का उत्पादन घटने की आशंका है। फसलें पीली पड़ने से किसान परेशान हैं। उन्हें नुकसान की आशंका सता रही है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में सामान्य वर्षा 246.3 मिलीमीटर होनी चाहिए लेकिन 100.05 एमएम बारिश ही हुई। जो सामान्य से 146 एमएम कम रही। स्थिति और ज्यादा खराब इसलिए हो गई क्योंकि जुलाई और जून में भी सामान्य बारिश नहीं हुई थी। जुलाई में 262.8 एमएम वर्षा अच्छी मानी जाती है लेकिन ये 108.25 मिमी पर ही सिमट गई। जून में 67.8 एमएम के सापेक्ष 33.75 मिलीमीटर बारिश ही हुई। ऐसे में जिले में सूखा पड़ने की आशंका है।
कृषि विभाग के अधिकारी पर्याप्त वर्षा न होने की बात कह रहे हैं।
कृषि के जानकारों की मानें तो जुलाई और अगस्त में औसत की आधी बारिश भी नहीं हुई है। जिन किसानों ने पूर्व में धान, मक्का, बाजरा, उड़द आदि फसलों की बुआई कर दी थी, उनकी फसल पानी न मिलने से पीली पड़ने लगी हैं।
धान का घट सकती पैदावार
औसत बारिश न होने से जिले में धान की पैदावार भी घट सकती है। अन्य खरीफ फसलों की पैदावार और भी ज्यादा खराब हो सकती है। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं।
बुआई का लक्ष्य हेक्टेयर में
धान-95208
मक्का-33429
बाजरा-11368
उड़द -35984
मूंग-4529
ज्वार-4410
तिल-16438
मूंगफली-3770
अरहर- 2645
किसानाें ने बताई पीड़ा
अतरसई के किसान राजकिशोर ने बताया कि धान की फसल लगाई है। धान सबसे ज्यादा पानी मांगता है लेकिन पर्याप्त बारिश न होने से फसल बढ़ नहीं पा रही है। इसका सीधा अर्थ है कि धान की पैदावार घटेगी।
मझखोरिया गांव के चौधरी का कहना है कि इस बार पर्याप्त बारिश न होने से खरीफ की सारी फसलें चौपट होने की कगार पर हैं। अब तो यही चिंता सता रही है कि परिवार का भरण पोषण कैसे होगा।
ये सही है कि अभी तक बारिश कम हुई है। जिले में बारिश की क्या स्थिति रही है इसकी जानकारी कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों से ली जाएगी। साथ ही लक्ष्य के सापेक्ष फसलों की बुआई सहित अन्य बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी।- अपूर्वा दुबे, जिलाधिकारी।
उन्नाव। जून से अगस्त तक औसत से भी कम बारिश होने से खरीफ की फसलों का उत्पादन घटने की आशंका है। फसलें पीली पड़ने से किसान परेशान हैं। उन्हें नुकसान की आशंका सता रही है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में सामान्य वर्षा 246.3 मिलीमीटर होनी चाहिए लेकिन 100.05 एमएम बारिश ही हुई। जो सामान्य से 146 एमएम कम रही। स्थिति और ज्यादा खराब इसलिए हो गई क्योंकि जुलाई और जून में भी सामान्य बारिश नहीं हुई थी। जुलाई में 262.8 एमएम वर्षा अच्छी मानी जाती है लेकिन ये 108.25 मिमी पर ही सिमट गई। जून में 67.8 एमएम के सापेक्ष 33.75 मिलीमीटर बारिश ही हुई। ऐसे में जिले में सूखा पड़ने की आशंका है।
कृषि विभाग के अधिकारी पर्याप्त वर्षा न होने की बात कह रहे हैं।
कृषि के जानकारों की मानें तो जुलाई और अगस्त में औसत की आधी बारिश भी नहीं हुई है। जिन किसानों ने पूर्व में धान, मक्का, बाजरा, उड़द आदि फसलों की बुआई कर दी थी, उनकी फसल पानी न मिलने से पीली पड़ने लगी हैं।
धान का घट सकती पैदावार
औसत बारिश न होने से जिले में धान की पैदावार भी घट सकती है। अन्य खरीफ फसलों की पैदावार और भी ज्यादा खराब हो सकती है। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं।
बुआई का लक्ष्य हेक्टेयर में
धान-95208
मक्का-33429
बाजरा-11368
उड़द -35984
मूंग-4529
ज्वार-4410
तिल-16438
मूंगफली-3770
अरहर- 2645
किसानाें ने बताई पीड़ा
अतरसई के किसान राजकिशोर ने बताया कि धान की फसल लगाई है। धान सबसे ज्यादा पानी मांगता है लेकिन पर्याप्त बारिश न होने से फसल बढ़ नहीं पा रही है। इसका सीधा अर्थ है कि धान की पैदावार घटेगी।
मझखोरिया गांव के चौधरी का कहना है कि इस बार पर्याप्त बारिश न होने से खरीफ की सारी फसलें चौपट होने की कगार पर हैं। अब तो यही चिंता सता रही है कि परिवार का भरण पोषण कैसे होगा।
ये सही है कि अभी तक बारिश कम हुई है। जिले में बारिश की क्या स्थिति रही है इसकी जानकारी कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों से ली जाएगी। साथ ही लक्ष्य के सापेक्ष फसलों की बुआई सहित अन्य बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी।- अपूर्वा दुबे, जिलाधिकारी।
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