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उन्नाव। केयरटेकरों ने मानदेय न मिलने पर सामुदायिक शौचालयों का ताला नहीं खोला। लखनऊ मुख्यालय से जानकारी की गई तो पता चला कि उनके अनुबंध का नवीनीकरण भी नहीं किया गया है। इसे लापरवाही मानकर सीडीओ ने 32 अफसरों का वेतन रोक दिया है।
1040 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इन्हें खोलने व बंद करने की जिम्मेदारी समूह की महिलाओं को दी गई है। उन्हें छह हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है। शौचालय खोलने का समय सुबह पांच से दस बजे तक और शाम को चार से रात आठ बजे तक निर्धारित है।
पिछले दिनों लखनऊ मुख्यालय से केयरटेकरों से फोन पर संपर्क किया गया तो पता चला कि अधिकांश शौचालय बंद हैं। केयरटेेकरों ने तीन से छह माह का मानदेय न मिलने की बात कही। मुख्यालय से आई रिपोर्ट को सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने गंभीरता से लिया। उन्होंने 16 विकास खंडों के एडीओ पंचायत व सहायक विकास अधिकारी आईएसबी का वेतन रोक दिया है। निर्देश दिए हैं कि जब तक सभी पंचायतों में केयरटेकर का भुगतान और इसकी फीडिंग संबंधित पोर्टल पर नहीं होगी, वेतन जारी नहीं होगा।
उन्नाव। केयरटेकरों ने मानदेय न मिलने पर सामुदायिक शौचालयों का ताला नहीं खोला। लखनऊ मुख्यालय से जानकारी की गई तो पता चला कि उनके अनुबंध का नवीनीकरण भी नहीं किया गया है। इसे लापरवाही मानकर सीडीओ ने 32 अफसरों का वेतन रोक दिया है।
1040 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इन्हें खोलने व बंद करने की जिम्मेदारी समूह की महिलाओं को दी गई है। उन्हें छह हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है। शौचालय खोलने का समय सुबह पांच से दस बजे तक और शाम को चार से रात आठ बजे तक निर्धारित है।
पिछले दिनों लखनऊ मुख्यालय से केयरटेकरों से फोन पर संपर्क किया गया तो पता चला कि अधिकांश शौचालय बंद हैं। केयरटेेकरों ने तीन से छह माह का मानदेय न मिलने की बात कही। मुख्यालय से आई रिपोर्ट को सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने गंभीरता से लिया। उन्होंने 16 विकास खंडों के एडीओ पंचायत व सहायक विकास अधिकारी आईएसबी का वेतन रोक दिया है। निर्देश दिए हैं कि जब तक सभी पंचायतों में केयरटेकर का भुगतान और इसकी फीडिंग संबंधित पोर्टल पर नहीं होगी, वेतन जारी नहीं होगा।
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