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नई दिल्ली, 20 दिसम्बर (आईएएनएस)| पिछले पांच वर्षों के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय ने सांसदों, विधायकों और एमएलसी (पूर्व और विधान पार्षद दोनों) के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लगभग 87 मामलों की जांच शुरू की है। बैठना)।
वित्त राज्य मंत्री, पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान 59 अभियोजन शिकायतें (पीसी) विशेष अदालत (पीएमएलए) के समक्ष दायर की गई हैं, जो परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं।
पीएमएलए के प्रावधान 1 जुलाई, 2005 से प्रभावी हुए और अब तक विशेष अदालत, पीएमएलए द्वारा केवल 36 मामलों में ही सुनवाई पूरी की गई है और शेष 1,082 मामले परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं।
जवाब में आगे कहा गया कि मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का ट्रायल 36 तय मामलों में से केवल 21 मामलों में योग्यता के आधार पर पूरा किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 20 मामलों में 31 अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया है।
शेष 15 मामलों में, विधेय एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट के आधार पर विधेय अपराध को रद्द करने के कारण मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का मुकदमा गुण-दोष के आधार पर आगे नहीं बढ़ सका। हालाँकि, इन मामलों में उच्च न्यायालयों के समक्ष अपील को प्राथमिकता दी गई है।
(उपरोक्त लेख समाचार एजेंसी आईएएनएस से लिया गया है। Zeenews.com ने लेख में कोई संपादकीय परिवर्तन नहीं किया है। समाचार एजेंसी आईएएनएस लेख की सामग्री के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है)
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