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सरोसी ब्लाक के सथरा गांव में दो किमी दूर लगे हैंडपंप से पीने का पानी भरने के लिए लगी भीड़। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। जिले के सभी 1040 ग्राम पंचायतों के 6.11 लाख घरों तक नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाने की परियोजना को मंजूरी मिल गई है। योजना पर पांच अरब चार करोड़ 20 लाख रुपये खर्च आएगा। प्रदेश सरकार ने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को स्वीकृति दे दी है। ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। 6.11 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य है।
जिले के अधिकांश क्षेत्रों में भूगर्भ जल में फ्लोराइड और आर्सेनिक की अधिकता होने से लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। इंदिरा गांधी पेयजल योजना, राजीव गांधी पेयजल योजना, ग्राम पेयजल योजना से दशकों पहले स्थापित की गईं सभी 75 पेयजल योजनाएं (ट्यूबवेल और पानी की टंकियां) अपना समय पूरा कर जलापूर्ति नहीं कर पा रही हैं।
लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए केंद्र सरकार ने उन्नाव जिले को भी जल जीवन मिशन योजना में शामिल किया। हर गांव के सभी घरों तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए जल निगम द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना को शासन ने मंजूरी देते हुए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जलनिगम एक्सईएन धमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि परियोजना में जिला चौथे फेज में शामिल है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिसंबर तक परियोजना पर काम शुरू होगा। 2024 तक काम पूरा करना है।
घरों तक पहुंचेगा गंगा का जल
जिले के भूगर्भीय जल में फ्लोराइड की अधिकता को देखते हुए शासन ने ट्यूबवेल आधारित परियोजना के बजाय गंगा नदी के जल को डब्ल्यूटीपी (वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट) में साफ कर आपूर्ति करने की परियोजना को मंजूरी दी है। सिकंदरपुर सरोसी ब्लाक के सुल्तानपुर ग्रंट और बिछिया ब्लाक के अमरसस में दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। 384 पानी की टंकियां (ओवर हेड टैंक) और 82 भूमिगत टंकियां बनेंगी। 10 हजार किमी भूमिगत पाइप लाइनें बिछाकर सभी ग्राम पंचायतों में हर घर तक नल से जलापूर्ति की जाएगी।
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यह है योजना
5420.6 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
गंगा किनारे दो वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनेंगे।
1040 ग्राम पंचायतों में जलापूर्ति होगी।
82 भूमिगत पानी के टैंक बनाए जाएंगे।
384 ओवर हेड टैंक बनाए जाएंगे।
10 हजार किमी भूमिगत पाइप लाइन बिछेगी।
6 लाख 11 हजार 514 घरों में कनेक्शन होंगे।
उन्नाव। जिले के सभी 1040 ग्राम पंचायतों के 6.11 लाख घरों तक नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाने की परियोजना को मंजूरी मिल गई है। योजना पर पांच अरब चार करोड़ 20 लाख रुपये खर्च आएगा। प्रदेश सरकार ने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को स्वीकृति दे दी है। ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। 6.11 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य है।
जिले के अधिकांश क्षेत्रों में भूगर्भ जल में फ्लोराइड और आर्सेनिक की अधिकता होने से लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। इंदिरा गांधी पेयजल योजना, राजीव गांधी पेयजल योजना, ग्राम पेयजल योजना से दशकों पहले स्थापित की गईं सभी 75 पेयजल योजनाएं (ट्यूबवेल और पानी की टंकियां) अपना समय पूरा कर जलापूर्ति नहीं कर पा रही हैं।
लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए केंद्र सरकार ने उन्नाव जिले को भी जल जीवन मिशन योजना में शामिल किया। हर गांव के सभी घरों तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए जल निगम द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना को शासन ने मंजूरी देते हुए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जलनिगम एक्सईएन धमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि परियोजना में जिला चौथे फेज में शामिल है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिसंबर तक परियोजना पर काम शुरू होगा। 2024 तक काम पूरा करना है।
घरों तक पहुंचेगा गंगा का जल
जिले के भूगर्भीय जल में फ्लोराइड की अधिकता को देखते हुए शासन ने ट्यूबवेल आधारित परियोजना के बजाय गंगा नदी के जल को डब्ल्यूटीपी (वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट) में साफ कर आपूर्ति करने की परियोजना को मंजूरी दी है। सिकंदरपुर सरोसी ब्लाक के सुल्तानपुर ग्रंट और बिछिया ब्लाक के अमरसस में दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। 384 पानी की टंकियां (ओवर हेड टैंक) और 82 भूमिगत टंकियां बनेंगी। 10 हजार किमी भूमिगत पाइप लाइनें बिछाकर सभी ग्राम पंचायतों में हर घर तक नल से जलापूर्ति की जाएगी।
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यह है योजना
5420.6 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
गंगा किनारे दो वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनेंगे।
1040 ग्राम पंचायतों में जलापूर्ति होगी।
82 भूमिगत पानी के टैंक बनाए जाएंगे।
384 ओवर हेड टैंक बनाए जाएंगे।
10 हजार किमी भूमिगत पाइप लाइन बिछेगी।
6 लाख 11 हजार 514 घरों में कनेक्शन होंगे।
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